शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

बारिश में बाहों को

बारिश में बाहों को फैला के तो देखो
अपने मन को बूंदों से भीगा के तो देखो
दर्द दुख जो है तेरे सारे
बह जायेंगे पल भर में सारे
चेहरे पर हर पड़ती हुई बूंद
बिखरा देगी उलझनों की धुंध
यह बारिश की बूंदे देती है तुम्हे एक इशारा
जियो दिल से जिंदगी नही मिलती दोबारा
निर्मलता रहे सदा दिल में तुम्हारे
अपने लिए क्या हो क्या हो खड़े बनो दूजो के सहारे
अपनी बाहों को जरा फैला के तो देखो
दिल से रिश्ते निभा के तो देखो
बारिश की तरह बिखर जाओ ऐसे
सूरज की किरणे बिखरती है जैसे
आशाओं के दिया जला के तो देखो
बारिश में बाहों को फैला के तो देखो

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

रेगिस्तान! रेगिस्तान!

रेगिस्तान! रेगिस्तान!
एक उजाड़ स्थान!

चहु ओर रेत ही रेत,
पेड़ो का कोई न नामो-निशान,
छोटी-छोटी झाड़ है उगती,
मौत का ये है दूसरा नाम.

पानी ढूँढने पे नहीं मिलता,
आसमान पे सूरज चमके,
चलनी करता तन गर्मी से,
दफ़न हो जाते है लोग,
बीच रेगिस्तान,
एक उजाड़ स्थान.

लगता है मानों जैसे,
यहाँ रहता कोई जादूगर,
दूर से देखने पर,
रेत भी पानी नज़र है आती,
प्यासा और तड़पता राही,
धोखे में राह भूल है जाता,
मिलता नहीं मुकाम,
एक उजाड़ स्थान.

रेगिस्तान! रेगिस्तान!
एक उजाड़ स्थान.

समंदर किनारे


मै बैठा था उफनते समंदर,
के रेतीले तट पे,
तन सिहर उठा जब,
छुआ ठंडी हवा के झोके ने.

चारो तरफ छाया था,
घनघोर अँधेरा,
समुन्दर की लहरों ने,
कर दिया मुझे गीला.

पक्षी चहचहा रहे थे,
हजारो सीप थे तट पे,
नारियल के वृक्ष थे खड़े,
हजारों की संख्या में.

मेरे जीवन का यह सबसे हसीन पल था,
वह एक पल, इक वर्ष के समान था.

भूत

भूत का नाम सुनते ही हमारे हाथ-पाँव थराए,
कभी है डरते, कभी किसी को डराए,
कमरे में अँधेरा देख, मन है डरता,
लगता जैसे कमरे में, भूत तांडव है करता,
मरता क्या न करता, कमरे में जाना ही पड़ता.

डरावनी फिल्म देखने के बाद,
मेरी जान आफत में है पड़ी,
हर वक़्त नज़रों के सामने,
एक भूतनी है खड़ी.

किसान

एक आदर्श इंसान है,
कोई और नहीं, वो किसान है,
खेत में जब यह उतरता,
खून-पसीना एक है करता,
हम उनके लिए कुछ न कर पाते,
जो खेती कर अपना जीवन है बिताते,
देश उन्नति में किसान का बड़ा काम है,
यह एक स्वावलंबी इंसान है.
एक आदर्श इंसान है,
कोई और नहीं, वो किसान है.

समय्निष्ठा

समय का सदुपयोग करो,
जीवन सफल हो जायेगा,
इक इक पल अमूल्य है,
यही सत्य है,
इक पल जो तू गवायेगा,
बाद में पछतायेगा.

हर कार्य समय पे करो,
कठिन से कठिन,
आसानी से हो जायेगा,
वक़्त के पाबन्द बनो,
तुमपे लोग विश्वास करे,
अपने अन्दर आत्म विश्वास पायेगा.

परोपकार

परोपकार वो भावना है,
वो दान सच्चा है,
जिसमे ये नहीं होती,
वह व्यक्ति अधूरा, कच्चा है.

परोपकार करो,
तन मन धन से करो,
कर्तव्य समझ करो,
यश के लिए न करो,
सुख, शांति, स्नेह मिलेगा,
जीवन परिपूर्ण होगा,
श्रद्धा के पत्र बनोगे,
आनंद को प्राप्त करोगे,
येही सबसे बड़ा धर्म है,
इसी का पालन करो.